Sunday 4 December 2016

कुत्तों का डर

आपने डर का अनुभव किया है ? तो किस चीज़ से डर लगा है आपको ? आप निश्चित तौर से ये कहेंगे की सबसे ज्यादा डर इंसानों से ही लगता है। लेकिन मैं आपको बताता हूँ की मुझे किस चीज़ से डर लगता है। वो चीज़ है कुत्ता।आप जरूर सोचेंगे की  हें आप कुत्ता से डरते हैं ये भी कोई बात हुई! दरअसल मेरे शहर में कुत्तों ने लोगों को परेशान करके रखा हुआ है।अखबार में कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की समाचार भरे हुए रहते हैं। कहीं कहीं तो कुत्तों द्वारा काटने के बाद दवाई या इंजेक्शन नहीं होने के समाचार मिलते हैं।  


  पुराने ज़माने में लोग अपने दरवाजे पर लिखते थे "स्वागतम् " लगता था।  आप यदि अनजाने घरों में भी प्रवेश कर रहे हों तो लगता था की आपका स्वागत ही हो रहा है।  चाहे उस घर का कोई व्यक्ति या महिला आपके स्वागत के खड़े न भी हों तो चलता है।  लेकिन आजकल जमाना बदल गया है।  लोग आजकल अपने दरवाजे पर स्वागतम नहीं लिखते हैं बल्कि वे आजकल एक मीडियम साइज की पट्टी रहती है जिसमें लिखा होता है "कुत्तों से सावधान ",


मैं सोचता हूँ की कुत्ते शब्द किसके लिए इस्तेमाल किया गया है उसमें रहने वाले लोगों के लिए या पालतू कुत्तों के लिए। ये तो सभी जानते हैं की कुत्ते वफादार जानवर होते हैं फिर उससे सावधान क्यों? आप पूछेंगे की ये सवाल कैसा है ? इसका मतलब यह होता है की कोई यदि ऐसा लिखता है इसका मतलब वो अपने आये मेहमानों का स्वागत नहीं करना चाहता है वरन उसको डरना चाहता है।  आजकल लोगो में एक दूसरे के प्रति डर की भावना बहुत ज्यादा हो गयी है।इसलिए बहुत कोई कुत्ते पालते हैं।  हालांकि लोग सदियों से कुत्तों को सुरक्षा के लिए पालते रहे हैं।ना की किसी को डराने के। हर कोई कुत्ते सुरक्षा के  नहीं पालते। कोई लोगों को कुत्ते पालने का शौक भर है।   

 

 



खैर कुत्ता तो आखिर कुत्ता होता है। उसकी अपनी समझ होती है। उसकी अपनी जिज्ञासा होती है। इसीलिए कहीं आप जा रहे हों वो आपको सूंघने का मौका नही छोड़ता है।



आप सोच रहे होंगे की मैं तो कुत्तों के पीछे ही पड़ गया। वास्तव में ये मेरे अंदर का डर है। वास्तव में कुत्तो ने जब भी हमला  करते   है पुरे समुह में हमला करते हैं।

जब भी सबेरे जोगिंग करने जाता हूँ। तो इधर उधर देख कर दौड़ना पड़ता है । कहीं कुत्ता तो पीछे नहीं पड़ गया है।कौन फिर इंजेक्शन के लिए दौड़ता फिरेगा।कुत्ते काट ले तो फिर न जाने सही में रेबीज हो जाय। मैं जहाँ रहता हूँ वहां एक बंगाली परिवार रहता है। वो लोग भी एक कुत्ता पाले हुए हैं। लेकिन उसे अपने घर के अंदर आने नही देते। जिस सीढ़ी से में  उतरता हूँ कुत्ता भी वहीँ सोया रहता है। हटने को कहने से भी नही हटता है।


कभी कभी मैं स्कूल जाने के लिए दोपहिया वाहन इस्तेमाल करता हूँ।और रास्ते में कुत्ते रोड के किनारे खड़े रहते हैं। जब गाड़ी दूर में रहता है तो वे रास्ते को पार नहीं करते हैं। लेकिन जैसे ही गाड़ी नज़दीक आता है तो दौड़ के पार होते हैं। उसी के कारण कुत्ते बेमौत मारे जाते हैं। कभी कुचल कर तो कभी टकराकर।  





Wednesday 16 November 2016

भविष्य में पानी का खतरा है!

यदि आप सोचेंगे की ऐसे क्या है जो आपको भविष्य में परेशान कर सकती है। ऐसे  में आपको बता दूँ की हमारी सबसे बड़ी समस्या होने वाली है पानी। कहा जा रहा है की भविष्य में जो भी वर्ल्ड वॉर होगी वो पानी पर आधारित होगी।जी हाँ वो भी स्वच्छ पानी ! 

पानी की बचत को लेकर बहुत सारी कोशिशें भी की जा रही हैं। लेकिन ये कोशिश बहुत ही कम स्तर में हो रही है। हाल ही में कुछ लोगों ने रहने के लिए अपार्टमेंट लिया और जब उस अपार्टमेंट में रहने लगे तो पता चला की डीप बोरिंग करने के बावजूद पानी नहीं निकल रही है। इससे उसमें रहने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है लोगों को पानी की दिक्क्तों में भारी इजाफा हुआ है।साथ ही साथ गर्म हवा के कारण लोगों को  परेशानी हो रही है। अभी तक बहुतों की जान लु से हो चुकी है। 

पानी भी मानव जीवन के लिए महत्वपुर्ण स्थान रखता है। कभी पानी हाहाकार मचाता है तो कभी कभी जीवन संबल देने का काम करता है। अभी हाल में रांची के कुछ इलाके में डीप बोरिंग के कारण पानी का स्तर बहुत ही नीचे चला गया है | हम पैड़ तो नहीं लगा रहे हैं। लेकिन पृथ्वी पर छेद पर छेद किये जा रहे हैं ।इस डीप बोरिंग के कारण कुछ क्षेत्रों में तो पानी इतने नीचे चला गया है कि वहाँ के अपार्टमेंट के लिए पानी उपलब्ध नही है ।उन अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का जीना दूभर  गया है। 




Friday 20 May 2016

अभिषेक भैया नाराज हो गए ऐश्वर्या से !

हमारे फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों के साथ साथ लगता है रिश्तों में भी अनिश्चितता के भाव आ गए हैं। अभी हाल ही में बहुत सारी जोड़ियों का तलाक हुआ तो कोई खुद ब खुद अलग हो गए। लगता है अब अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय के बीच भी कोई खट पट शुरू हो गई है। 

आइये बताते हैं इस घटना के बारे में। अभी सबरजीत का स्क्रीनिंग रखा गया था जिसमें बच्चन परिवार सब मौजूद थे। फोटो सेसन के दौरान अभिषेक बच्चन अपनी पत्नी ऐश्वर्या को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया। यू ट्यूब में मौजूद वीडियो वायरल हो गया है। 

लगता है इंडस्ट्री में राहु काल चल रहा है। इसीलिए आये दिन बहुत दिनों से साथ रह रही जोड़ियां भी बेतुके बहाने ले कर अलग हो रहे हैं। ऐसे बेतुके बहाने की क्या कहेंगे। जब ये जोड़ियां सफल नहीं थीं तो ठीक था लेकिन जैसे ही सफल होने लगी हैं तो कोई न कोई बहाने मिल जाते हैं इन्हें अलग होने के लिए। 


Sunday 28 February 2016

आपने रांची की इंटरनेशनल स्टेडियम की हालत देखी ?

रांची इंटरनेशनल स्टेडियम की हालत किसी से छुपी नही है।  इस स्टेडियम की घांस इतनी बेजान लग रही थी की लग ही नहीं रहा था की यह इंटरनेशनल स्टेडियम है।  

Tuesday 19 January 2016

बोर्ड का एग्जाम नजदीकियां बढ़ा रही हैं।

अभी बहुत सारे जगहों में बोर्ड की परीक्षा पहुँच रही है। जगहों से मेरा तात्पर्य विभिन्न राज्यों से है। क्योंकि समाचार पत्रों के परिशिस्ट में परीक्षा की प्रिपरेशन कैसे करें ? इस बारे में जानकरी दी गयी है। कहीं रिलैक्स हो कर पढ़ने कहा जा रहा है तो कहीं रूटीन से पढ़ने कहा जा रहा है। 

आजकल का टेंशन एकदम अलग तरह का होता है। जबकि पहले जितना पढ़ने का टेंशन नही होता था उतना शिक्षक और मातेश्री और पिताश्री से मार खाने का टेंशन होता था।  

इसी टेंशन की डर से पढाई भी हो जाती थी। 

आजकल के बच्चे को पढाई के अलावा और भी बहुत सारे टेंशन होते हैं। उनका बचपन छिन जा रहा है। कृपया बचपन न छीने और सब्र से काम लें।  

Monday 18 January 2016

साकरात

साक्रात पर्व मुख्यतः दक्षिण छोटानागपुर क्षेत्रों और बंगाल और ओडिशा में मनाया जाता है। साक्रात पर्व हिन्दुओं धर्मावलम्बी द्वारा मनाये जाने वाले पर्व से अलग है. यह संथालों का कैलेंडर के हिसाब से मनाया है। यह मुख्यतः दो दिन मनाया जाता है। यह पर्व भी उसी दिन आस पास मनाया जाता है जिस दिन हिन्दुओं धर्म मानने वाले मकर सक्रांति मनाया जाता है। 

साक्रात पर्व को साधारणतः नया साल के शुरुआत  अच्छे से होने के लिए मनाया जाता है। उस दिन घर को साफ़ सुथरा किया जाता है। और पुरे घर के फर्श को गोबर से लीपा जाता है।संथालों में गोबर को पवित्र माना जाता है। कोई भी पर्व या पवित्र समारोह में गोबर का प्रयोग किया जाता है। घर साफ़ सुथरा करने के बाद बोंगा किया जाता है। बोंगा में हांडी "राइस बेयर " का प्रयोग किया जाता है।
उसके बाद भोजन की तैयारी किया जाता है। इस अवसर में गुड़ पीठा, जिल पीठा , रोहोड़ दाका जिल उत्तु,नारकल और तिलमिंग पीठा बनाया जाता है।ये सारी रेसिपी मिट्टी की बर्तन में बनाया जाता है।और जो भी रेसिपी  पकाया जाता है उसे पत्तों से बनाया हुआ पत्तों की थाली जिसे "पातड़ा " कहा जाता है में खाया जाता है। और पत्तों से बना हुआ कटोरी जिसे "फुडुग " कहा जाता है। उसमें सब्ज़ी परोसा  जाता है। यह एक तरह का रस्म है जिसे दो दिन तक मनाया जाता है।
उसके बाद पुरे परिवार के साथ भोजन किया जाता है।भोजन करने के बाद सरसों तेल को  हाथ पैर में मला जाता है। ताकि साक्रात बूढ़ी सबों को आशीर्वाद दें।    
इस अवसर में घर आने वाले  मेहमानों को हंडिया पिलाया जाता है। उसके साथ घर में बनाया हुआ जिल पीठा और खजड़ी दिया जाता है। 
साक्रात के दूसरे दिन मुर्गे का बलि साक्रात बूढ़ी को दिया जाता है। ताकि पुरे साल अच्छा से गुजरे। और दूसरे दिन बूढ़ी गांडी नाच के साथ घर घर जा कर चावल और खेजड़ी इक्क्ठा किया जाता है।इस नाच में पुरुष या बच्चे बंदर के वेश में आते है और पुरे गाँव में नाच दिखाते हैं और हंडिया पीकर हर्षोउल्लास के साथ पर्व को मनाया जाता है।