अभी बहुत सारे जगहों में बोर्ड की परीक्षा पहुँच रही है। जगहों से मेरा तात्पर्य विभिन्न राज्यों से है। क्योंकि समाचार पत्रों के परिशिस्ट में परीक्षा की प्रिपरेशन कैसे करें ? इस बारे में जानकरी दी गयी है। कहीं रिलैक्स हो कर पढ़ने कहा जा रहा है तो कहीं रूटीन से पढ़ने कहा जा रहा है।
आजकल का टेंशन एकदम अलग तरह का होता है। जबकि पहले जितना पढ़ने का टेंशन नही होता था उतना शिक्षक और मातेश्री और पिताश्री से मार खाने का टेंशन होता था।
इसी टेंशन की डर से पढाई भी हो जाती थी।
आजकल के बच्चे को पढाई के अलावा और भी बहुत सारे टेंशन होते हैं। उनका बचपन छिन जा रहा है। कृपया बचपन न छीने और सब्र से काम लें।